मस्जिद में ब्लास्ट करने जा रहे एक अमेरिकी शख्स के साथ ऐसा क्या कुछ' हुआ की वह मुसलमान बन गया. यह कहानी US के Marine Force के एक पूर्व सैनिक की है. अमेरिकी शख्स नफरत की आग में मुसलमानों को जला देना चाहता था. ब्लास्ट करने का सबकुछ प्लान ही था और सब कुछ बदल गया
जुबान और व्यवहार ने मैकिनी को बदल दिया
हालांकि, असल बात यह हुई कि जैसा मैकिनी ने सोचा था, ऐसा कुछ नहीं हुआ. मस्जिद में मौजूद लोग मैकिनी के साथ एक खास मेहमान की तरह पेश आए. कुछ समय में ही मैकिनी को महसूस हो गया कि ये लोग वैसे नहीं हैं, जैसा के वोह सोच रहे थे |
मैकिनी कहते हैं कि ये सभी लोग काफी सादे और खुश मिजाज थे. वे सभी अपनी जिंदगी से खुश थे और अमेरिकी होने पर भी. साथ ही वे सभी मैकिनी के साथ बात करना काफी पसंद कर रहे थे.
इस अनुभव ने मैकिनी की सोच बदली और इसके बाद वे अक्सर मस्जिद जाने लगे. करीब आठ सप्ताह बाद उन्होंने इस्लाम कबूल कर लिया. जिसके बाद वे मुन्सी में इस्लामिक सेंटर के दो साल अध्यक्ष भी रहे.
ब्लास्ट में कम से कम 200 लोगों को मारना चाहते थे
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