नई दिल्ली: भारतीय अधिकारियों के तत्काल प्रभाव से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगियों को एक "गैरकानूनी संघ" घोषित कर दिया, और इसे पांच साल के लिए प्रतिबंधित भी कर दिया।
यह आदेश तब आया है जब अधिकारियों ने इस्लामिक समूह के कई सदस्यों को हिंसा और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए हिरासत में लिया था। पीएफआई ने आरोपों से इनकार किया है उन्होने हिरासत और संबंधित छापों को Harassment के रूप में निंदा की और सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया।
एक सरकारी अधिसूचना में आज कहा गया कि पीएफआई प्राधिकरण एक "आपराधिक साजिश" के तहत भारत और विदेशों में धन जुटा रहे हैं और फिर इसे वैध दिखाने के लिए कई खातों के माध्यम से स्थानांतरित कर रहे हैं।
इसके बाद इन फंडों का उपयोग "देश में विभिन्न आपराधिक, गैरकानूनी और आतंकवादी गतिविधियों" को अंजाम देने के लिए किया जाता है।
भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में पुलिस ने कहा कि उन्होंने पीएफआई से जुड़े 57 लोगों को "उनके द्वारा किए गए हिंसक कृत्यों और देश भर में उनकी बढ़ती राष्ट्र विरोधी गतिविधियों" के कारण हिरासत में लिया।
Source - Free Malaysia Today