कर्नाटक के मांड्या जिले की जामा मस्जिद की एक तस्वीर।
बेंगलुरु :बजरंग दल ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर मांड्या जिले की जामिया मस्जिद को खाली करने की मांग की है। जनहित याचिका में दावा किया गया है कि उनके पास सबूत हैं कि मस्जिद पहले एक हिंदू मंदिर थी।
याचिका में कहा गया है की मांड्या जिले के ऐतिहासिक श्रीरंगपटना शहर की जामिया मस्जिद में हिंदू देवताओं और मंदिर की संरचना के निशान हैं। इसलिए, मस्जिद को तुरंत खाली कराया जाए, और हिन्दुओ को मस्जिद के अंदर स्थित कल्याणी (पारंपरिक जल निकाय) में स्नान करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
यह जनहित याचिका बजरंग दल के प्रदेश अध्यक्ष मंजूनाथ ने बुधवार को सौंपी थी।
इससे पहले, हिंदुत्व समूहों ने मस्जिद में पूजा करने के लिए अधिकारियों से अनुमति मांगी थी। यह मामला कर्नाटक में चर्चा का विषय बना हुआ है।
जामिया मस्जिद के अधिकारियों ने पहले ही संबंधित अधिकारियों से मस्जिद को बचाने के लिए कई अपीलें की हुई हैं।
जामिया मस्जिद को मस्जिद-ए-आला के नाम से भी जाना जाता है, श्रीरंगपटना किले के अंदर स्थित इस मस्जिद को 1786-87 में टीपू के शासन के दौरान बनाया गया था। मस्जिद में तीन शिलालेख हैं जिनमें पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम) के नौ नामों का उल्लेख है।
नरेंद्र मोदी विचार मंच ने मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए अधिकारियों से निवेदन की थीं, और यह सुनिश्चित किया कि वे सबूतों के साथ इसको पुरे यकीन से मानते हैं कि हनुमान मंदिर को तोड़कर जामिया मस्जिद का निर्माण किया गया था। - IANS
Source: Muslim Mirror