ज्ञानवापी मस्जिद मामले में पांच हिंदू याचिकाकर्ताओं में से चार ने एक याचिका दायर कर ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर एक संरचना की कार्बन डेटिंग की मांग की है , जिसे शिवलिंग कहा जाता है। यह अदालत के आदेशित वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान पाया गया था। कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर पुरातत्व में किसी वस्तु की उम्र को समझने के लिए किया जाता है।
वाराणसी की अदालत ने मामले के संबंध में पहले मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनी थीं। ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने कार्बन डेटिंग की याचिका का विरोध किया है।
इससे पहले, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में एक अपील दायर की गई थी, जिसने एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद, वाराणसी में मिली संरचना की प्रकृति का अध्ययन करने के लिए एक न्यायाधीश के तहत एक समिति / आयोग की नियुक्ति की मांग की गई थी।
Source - .Zee News