26 अगस्त, 2022 को सिंध प्रांत, दक्षिणी पाकिस्तान के सुक्कुर में भारी मानसूनी वर्षा के बाद बाढ़ग्रस्त सड़क से गुजरते निवासी। (AFP)
बारिश के कारण 20 लाख एकड़ से अधिक की फसल बर्बाद हो गई है।
पाकिस्तान के पीएम, सेना प्रमुख ने स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए देश के दक्षिणी प्रांतों का दौरा किया।
अबतक 1,033 तक पहुंची बाढ़ से मरने वालों की संख्या
ISLAMABAD: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने शनिवार देर रात कहा कि मानसून की बारिश और बाढ़ ने पाकिस्तान में पिछले 24 घंटों में 119 और लोगों की जान ले ली है।
आधिकारिक अनुमान बताते हैं कि देश में भारी बाढ़ और बारिश से संबंधित घटनाओं से लगभग 30 मिलियन से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जिससे सरकार को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि बारिश लगातार तीसरे महीने जारी है।
NDMA के अनुसार, देश के विभिन्न हिस्सों में 20 लाख एकड़ से अधिक खेती की गई फसलें नष्ट हो गई हैं, 3,451 किलोमीटर सड़कें नष्ट हो गई हैं और 149 पुल बह गए हैं।
मौजूदा मौसम के दौरान सबसे अधिक नुकसान पाकिस्तान के दक्षिणी प्रांत सिंध और बलूचिस्तान को हुआ है, हालांकि उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुछ हिस्सों को भी शुक्रवार से भारी तबाही का सामना करना पड़ा है।
प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ वर्तमान में बाढ़ राहत गतिविधियों की निगरानी के लिए दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत का दौरा कर रहे हैं।
"प्रधानमंत्री राहत कार्यों की समीक्षा करने और उनकी स्थिति जानने के लिए बाढ़ पीड़ितों से मिलेंगे। उनके कार्यालय द्वारा दिन में जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया, बाढ़ पीड़ितों की मदद करना और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे को बहाल करना उनका पहला मकसदहैं।"
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा भी सिंध के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे और बाढ़ राहत गतिविधियों में लगे सैनिकों से मुलाकात करेंगे। सेना के मीडिया विंग, ISPR द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, सेना ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए पूरे देश में 212 राहत संग्रह केंद्र स्थापित किए हैं।
प्रधान
मंत्री ने बाढ़ से विस्थापित
लोगों से बातचीत करने के लिए
शनिवार को सिंध प्रांत का भी
दौरा किया। उन्होंने 38 अरब
रुपये के अनुदान की घोषणा करते
हुए कहा कि NDMA राहत
कार्य के साथ प्रांतीय अधिकारियों
का समर्थन करना जारी रखेगा।
प्रधान
मंत्री ने कहा कि देश भर में
बाढ़ से हुए नुकसान का अधिक
वास्तविक अनुमान लगाने के
लिए सरकार जल्द ही एक सर्वेक्षण
करेगी।
पाकिस्तान जैसी कृषि अर्थव्यवस्था के लिए मानसून की बारिश महत्वपूर्ण है, जहां किसान अपनी जमीन की सिंचाई के लिए मौसम पर निर्भर हैं।