पाकिस्तान में हिन्दुओ को मंदिरो में पूजा करने के लिए करना पड़ रहा है संघर्ष।

 पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधु नदी के तट पर, हिंदू समुदाय के लोग उन्हें साखर द्वीप तक ले जाने के लिए नावों का इंतजार करते हैं, जहां लगभग 200 साल पुराना साधु बेला मंदिर है। साधु बेला मंदिर परिसर को देखते ही लोग ताली बजाकर जोर-जोर से चिल्लाने लगते हैं, "साधु बेला अमर रहे!" मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में, दिवाली सहित विभिन्न त्योहारों और कार्यक्रमों के लिए हर साल हजारों हिंदू यहां आते हैं। यह द्वीप दो सदियों पहले सिंध के अमीर मुस्लिम जमींदारों द्वारा हिंदू समुदाय को उपहार में दिया गया था, जो वर्तमान पाकिस्तान में अकल्पनीय है।


आज के पाकिस्तान में ज्यादातर हिंदू हाशिए पर हैं और अत्याचार के मामले आम हैं। पाकिस्तान में करीब 40 लाख हिंदू रहते हैं, जो कुल आबादी का 1.9 फीसदी है। इनमें से 14 लाख हिंदू सिंध में रहते हैं। पाकिस्तान में हिंदू पूजा पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन हिंदू खुले तौर पर कहते हैं कि वे नियमित रूप से पूजा नहीं कर सकते। भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों पुरानी प्रतिद्वंद्विता अल्पसंख्यक समुदाय के लिए एक चुनौती रही है। पाकिस्तान में कई लोग हिंदुओं को भारतीय कहते हैं, जबकि भारत में मुसलमान भेदभाव की शिकायत करते हैं। पाकिस्तान में और खासकर सिंध में, पुरानी छाप बरकरार है। यहां मंदिर हैं, हालांकि उनकी संख्या में कमी आई है। इसके अलावा हिंदुओं के अपने व्यवसाय, शैक्षणिक और स्वास्थ्य संस्थान हैं, जो 1947 में देश के गठन से पहले स्थापित किए गए थे। वे पाकिस्तान की विरासत का हिस्सा हैं।



Source - Gujarat Samachar

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